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Showing posts from March, 2017

हम बंधे हुए से है जाने कब आज़ाद होंगे..

आज की दौड़-भाग भरी जिंदगी में हम सब खुल कर जीना ही भूल गए है और ना जाने कितने तनाव को साथ ले कर घूम रहे है कुछ हम अपने लिए भी जिये थोड़ा ही सही पर खुल कर जिये... हम बंधे हुए से है जाने कब आज़ाद होंगे.. चल एक बार ही सही जिंदगी आज़ाद होते है.. स्कूल की ड्रेस से,कॉलेज की बैंच से, रिश्तो के धागों से,मोह के मायाजाल से, प्यार और अहसास के झूठे वादों से.. भागती-दौड़ती जिंदगी में,खाने-कमाने की होड़ से.. एक लम्हा चल हम आज़ाद होते है.. जिन्हें हम नहीं जानते उनके साथ भी हँसते है.. हम बंधे हुए से है जाने कब आज़ाद होंगे.. चल एक बार ही सही जिंदगी आज़ाद होते है.. समाज की बेड़ियो से,लोक-लाज-शरम की निगाहों से.. हम बंधे हुए से है जाने कब आज़ाद होंगे.. चल एक बार ही सही जिंदगी आज़ाद होते है.. कभी बटन कुर्ते के खोल कर..पैरो को जूतों से आज़ाद हम करते है बालो को ऐसे ही झूमने देते है..मुह धोने का झंझंट भी खत्म करते है... दांतो को कहा साफ़ करना कुछ दिन ऐसे ही जी कर देखते है.. सारी डखोसले-बाज़ी से अपने आप को आज़ाद करते है.. हम बंधे हुए से है जाने कब आज़ाद होंगे.. चल एक बार ही सही जिंदगी आज़ाद होते है.. &

आत्महत्या या ह्त्या..?

जीवन ऊपर वाले का दिया हुआ सबसे अनमोल तौहफा है फिर ना जाने क्यों इस अनमोल तौह्फे की कद्र नहीं कर पाते दरअसल में बात जीवन की नहीं बल्कि इस जीवन में हमसे जुड़े लोगो की भी है क्यों कोई कैसे अपने आपको ख़त्म कर लेता है क्या उसको उससे जुड़े किसी इंसान की जरूरत ने नहीं रोका होगा..ये तब सोचता था जब मैंने जिंदगी को इतने करीब से नहीं जाना था.. असल में बहुत कुछ होता है जो हमे रोकता है इस तरह करने से पर इन सब बातो से भी ऊपर वो है जो अब तक हम जिंदगी जीने के लिए सहते आये..मान,सम्मान,पैसा,भविष्य सब कुछ जब लगता है सुरझित नहीं है तब इंसान अपने आप को जहर की गोलियों में,फांसी के फंदे में,धार की गोद में ढूंढता है..इस वजह से इस कहानी को नाम दिया है..आत्महत्या या हत्या..? हत्या इसलिए भी क्यों की ये समाज द्वारा,परिवार द्वारा दी गयी मौत ही तो है जो जिंदगी हारने  पर मजबूर करती है... बात पिछले दिनों की है दो मासूम बच्चियां सारी रात बिलखती रही अपनी माँ की बंद आँखों को खोलने की कोशिश करती रही..ये समाज का दिया उपकार ही तो था, या फिर खुद का जिंदगी से हार जाना..वो चली गयी है अब ये समाज के सामने का पहलु है.. लेकिन