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Showing posts from January, 2017

कड़वे वचन

                        *कड़वे वचन* क्या आप पहले ही दिन तैरना सीख जाते है?,नही ना डूबते है अपने आप को बचाने की कोशिश करते हो,डरते हो फिर भी किसलिए तैरना सीख रहे हो,इसलिए ही ना की किसी दिन मुसीबत आयी और तुम डूब गये तो कौन बचाने आयेगा। अरे मूर्खो जब जीवन मे सैकड़ों बार डूबने के बाद तैरना सीख सकते हो तो,किस वजह से हार के डर से आगे नही बडना चाहते हो। क्या होगा गिरेगा,फिर से उठ जाना,चोट लगेगी दर्द सह लेना,पर रूकना नही है बाॅस दुनिया औरत की महामारी की तरह है चार दिन मे सारे माह का दर्द दे जाती है। कोशिश लगातार कर,और जब तक कर तुझे सुकून ना मिल जाये। सीख-: विजयराज पाटीदार

बदलाव

                             बदलाव 30/01/2017 जिन्दगी में बहुत सारे अवसर ऐसे आते है जब हम बुरे हालात का सामना कर रहे होते है और सोचते है कि क्या किया जा सकता है क्योंकि इतनी जल्दी तो सब कुछ बदलना संभव नहीं है और क्या पता मेरा ये छोटा सा बदलाव कुछ क्रांति लेकर आएगा या नहीं लेकिन मैं आपको बता दूँ हर चीज़ या बदलाव की शुरुआत बहुत ही basic ढंग से होती है | कई बार तो सफलता हमसे बस थोड़े ही कदम दूर होती है कि हम हार मान लेते है जबकि अपनी क्षमताओं पर भरोसा रख कर किया जाने वाला कोई भी बदलाव छोटा नहीं होता और वो हमारी जिन्दगी में एक नीव का पत्थर भी साबित हो सकता है | चलिए एक कहानी पढ़ते है इसके द्वारा समझने में आसानी होगी कि छोटा बदलाव किस कदर महत्वपूर्ण है | एक लड़का सुबह सुबह दौड़ने को जाया करता था | आते जाते वो एक बूढी महिला को देखता था | वो बूढी महिला तालाब के किनारे छोटे छोटे कछुवों की पीठ को साफ़ किया करती थी | एक दिन उसने इसके पीछे का कारण जानने की सोची | वो लड़का महिला के पास गया और उनका अभिवादन कर बोला ” नमस्ते आंटी ! मैं आपको हमेशा इन कछुवों की पीठ को साफ़ करते हुए देखता हूँ आप ऐसा
The most inspiring movie rocky Balboa'S heart touching story I’d hold you up to say to your mother, “This kid’s gonna be the best kid in the world. This kid’s gonna be somebody better than anybody I ever knew.” And you grew up good and wonderful. It was great just watching you, every day was like a privilege. Then the time come for you to be your own man and take on the world, and you did. But somewhere along the line, you changed. You stopped being you. You let people stick a finger in your face and tell you you’re no good. And when things got hard, you started looking for something to blame, like a big shadow. Let me tell you something you already know. The world ain’t all sunshine and rainbows. It’s a very mean and nasty place and I don’t care how tough you are it will beat you to your knees and keep you there permanently if you let it. You, me, or nobody is gonna hit as hard as life. But it ain’t about how hard ya hit. It’s about how hard you can get hit and keep moving

* लेखन *

                                                                * लेखन * लेखन दरअसल आत्म अभिव्यक्ति हैं आप जो कुछ भी आस-पास देखते हैं,महसूस करते,सहन करते हैं, असल मे वहीं आपके शब्द बनते है बस उनको एक सकारात्मक विचार धारा मे पिरोना ही लेखन हैं। आप सोच रहे होंगे आज इतने कम शब्दो मे कैसे बात पूरीकर गया। यही तो लेखन हैं कम शब्दो मे बहुत कह जाना,, "आसान हे सब कुछ बस एक शुरुआत करके देखिए अंत भी आपके चाहे अनुसार ही होगा" विचार-: विजयराज पाटीदार

value

                                                                       ..value.. A popular speaker started off a seminar by holding up a $20 bill. A crowd of 200 had gathered to hear him speak. He asked, “Who would like this $20 bill?” 200 hands went up. He said, “I am going to give this $20 to one of you but first, let me do this.” He crumpled the bill up. He then asked, “Who still wants it?” All 200 hands were still raised. “Well,” he replied, “What if I do this?” Then he dropped the bill on the ground and stomped on it with his shoes. He picked it up, and showed it to the crowd. The bill was all crumpled and dirty. “Now who still wants it?” All the hands still went up. “My friends, I have just showed you a very important lesson. No matter what I did to the money, you still wanted it because it did not decrease in value. It was still worth $20. Many times in our lives, life crumples us and grinds us into the dirt. We make bad decisions or deal with poor

नारी सम्मान, तु क्या नही कर सकती

सम्पूर्ण पाठ करें नारी सम्मान 🙏 🙏 तु मान हे सम्मान हे अभिमान है भारत माँ का। तु माँ हे बहन हे दोस्त हे जीवन की डोर भी तु ही है। घर आंगन की शान है परिवार की आन हे अपनो का अभिमान हैं। गर्व है तु गर्भा-ग्रह है तु। तु क्या नही कर सकती।2। ओलिम्पिक का गोल्ड है तु,टेनिस कोर्ट का डबल है तु। बॉलीवुड की दिपीका,प्रियंका,संगीत की लता है तु। रेसलिंग की मेरिकोम,बबीता,गीता फास्टर फोगाट है तु। राजनीति की प्रतिभा,सुषमा,माया,ऊमा,ताई है तु। तु क्या नही कर सकती तु चाहे तो धरा से उडकर आसमा जीत सकती है तु। एक पुरूष को पैदा करके जीवन संवार सकती है। पर आज तुझ पर हो रहे अत्याचारों से दुखी हूँ। तिरस्कार,बलात्कार और तुझ पर हो रहे अत्याचार से परेशान हूँ। रक्षा की डोर है तु,जीवन साथी का गठबंधन है तु। हर अच्छे बुरे का अहसास है तु। आज गर्व से कह सकता हूँ तु मेरी माँ,बहन,दोस्त,पत्नी है तु। तेरे बिना कुछ नही तु मेरी जिंदगी हैं। बस परेशान हूँ तुझ पर हो रहे अत्याचार से। हर पल मैं साथ रहूँ या ना रहूँ तु और मजबूत बन मजबूर नही। याद कर तु एक बेटी है तु अपनी ताकत पहचान तु माँ अंबा बन सीता बन गीता

"फासला"

                                          "फासला" Dear Drmzzz, ये पंक्तियाँ सिर्फ आपके लिये हैं। तुमसे मुलाकात होना भी अजीब अहसास था, ना नाम था ना पता फिर भी तुमसे मिलने को दिल बेताब था किस लिये घंटो तक तेरा इंतजार इ-मीडिया पर करता था, जब तुमसे बात हो जाया करती थी,नींद भी दस्तक दे दिया करती थी। अब आता हूँ जब चित्रों मे तेरा दिदार हुआ किस्मत मे यूँ मिलना मुनासिब ना था। तेरी उन बडी सी आंखों से लेकर,गले की सुराही तक बस था तारीफ-ए-काबिल। तेरे गुलाबी होंठों की रंगत भी अक्सर मेरी नींदो को बिगाडा करती थी। हाथो का छुअन जब भी महसूस करता हूँ,तन-मन मे उमंग प्यार वाली दौड़ जाया करती थी। दूरियाँ लाख सही थी तेरे मेरे दरमियाँ जमाने की,फिर भी तु हर बात मान लिया करती थी। समझ नही पाता कभी कभी, तो क्या इतनी बेसब्री तुझे भी हैं प्यार की। तेरे डर से मैं कभी जीत नही पाऊँगा,,तेरी मुस्कान के लिये हारता भी चला जाऊँगा।। तु मेरी कल्पनाओं मे हमेशा रहेंगी,तेरी यादों को लेकर दफन मैं। हो जाऊँगा। अगर मन मे है तेरे मोहब्बत,,तो बंया कर तेरे लिये खुशियाँ ही ढूँढ कर लाऊँगा। ...... .... ... ... ... Dea

"अवसाद"

                                "अवसाद" नमस्कार प्रिय पाठकों आप सब का स्वागत हैं आज एक युवा मोटीवेशनल के साथ आज हम बात करेंगे तनाव,दबाव और लगातार मिल रही असफलताओ से कैसे सामना करें। और उससे उबरने का प्रयास कैसे किया जा सकता हैं। दरअसल मैंने अपने हर लेख को युवाओं को समर्पित किया हैं और इस लेख को भी युवाओं के समकक्ष रखने का प्रयास करूँगा। इस लेख का टाइटल "अवसाद" ज़रूर दिया है पर इसे आप जरा भी अवसाद मे ना पढे। असल मे यह कहानी एक ऐसे इंसान की हैं जो कभी हार से नही डरता और आप सब उसको जानते हैं, कहीं बार मैंने देखा युवा चाहे वो लड़की हो या लड़का बहुत जल्दी दबावों मे आ जाते हैं, परीक्षा मे नंबर कम,कोई थोड़ा कुछ बोल दे,या कोई जीवन मे धोखा दे दें।  और तुरंत एक युवा अवसाद मे आ जाता है विडंबना यह हैं की आज का युवा फालतू की बातों मे अपने आप को घिरा हुआ पाता हैं वैयक्तित रूप से यह कोई समस्या नही असल मे यह एक बीमारी हैं। परीक्षा मे असफल मैं भी हुआ,प्रेम मे असफल मैं भी हुआ,बिजनेस मे असफल मैं भी हुआ पर जो भी सीखा वह बस इतना है अवसाद हमें अपने ही देते है और बाहर भी इस बीमारी

"प्रेम निरस हैं"

"प्रेम निरस हैं" अजीब हे ना आज एक मोटीवेटर प्रेम पर बात कर रहा हैं और करना भी चाहिए असल मे प्रेम और मोटीवेशन को कुछ सटीक उदाहरण से जोडने का प्रयास करूँगा। असल मे बात तब की है जब मैं अपनी मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहा था तब इतना तार्किक नही था बस यह है एक मन मे रहता था हमेशा जो भी करना है पूरे मन से करना हे,23 नंबर 2013 से जिंदगी घूम गयी बिट्टू आयी और बस उसके साथ जीने मे इतना खो गया की हर बात मे मैनेज करने की आदत हो गयी। कॉलेज से लेकर कोचिंग तक बस हर वक्त उसकी खुशी के लिये सब बात समझता गया असल मैं उस दौरान अपने आपको किसी के काबिल बना रहा था मुझे कभी परिणाम की चिंता रही ही नही। और यही बात हर युवा से कहना चाहूँगा कभी भी परिणाम के बारे मे सोच कर काम मत करो बल्कि अपने काम को अपनों खुशी के लिये करो। जिस दिन आप Perfection,complete,greatful,geniuse,talente,ऐसे शब्दो का असल महत्व समझ गये बस उसी दिन समझ लेना तुम अपनी रिलायंस,टाटा,इंफोसिस,विप्रो के मालिक खुद हो। और सब तब संभव हो पायेगा जब किसी चीज़ से प्रेम करने लगो,अब जाहे वो प्रेम स्त्री से हो या अपने काम से आपको एक सकारात्मक ऊर्जा

'उत्साह'

नमस्कार पाठकों आपका स्वागत हैं मोटीवेशनल फंडे विजयराज पाटीदार के साथ आज फिर आपके लिये कुछ नया करने की कोशिश कर रहा हूँ असल मैं उन सफल लोगों मे से एक हूँ जो कभी हार नही मानता लाखों का नुकसान सर पर कर्ज बोझ पर आँखो मे आज भी सपने देखने और सच करने की काबिलियत लिये रोज सुबह एक नयी देखता हूँ उठता हूँ भागता हूँ  पर हार मानने का सवाल ही नही जहन मे उठता। और मैं आपके लिये भी बस एक उम्मीद लाने की कोशिश करूँगा। अब शुरू करता हूँ रोज की सीख से दरअसल मैं फाइनेंससलाहकार रहा हूँ पर कहीं बार आपको वो नही मिलता जो आप चाहते हो। एक साल बिजनेस करने के बाद समझ आया जो छोटी छोटी बाते मैंने ग्राहक को फायदा पहुँचाने की वजह से नजर अंदाज की वो आज बहुत बडी समस्या हैं पर देर से ही सही अब मैंने उन बातो पर काम करना शुरू कीया और उस समस्या से सीखने की कोशिश करता हूँ। आज एक युवा के लिये सबसे जरूरी हैं किसी से प्रेरणा लेना वो चाहे आप अपने आस-पास के किसी भी माहौल से सीख सकते हो। मैं बस आपको यहीं कहूँगा आप अपने आइडिया को जमीन पर लाने की कोशिश करो। सफलता या असफलता के बारे मे अपने पहले लेख मे लिख चुका हूँ। आगे आपके जब

ज़िन्दगी चलती जाती है....

                     ज़िन्दगी चलती जाती है ! जब जूलियो 10 साल का था तो उसका बस एक ही सपना था , अपने फेवरेट क्लब रियल मेड्रिड की ओर से फुटबाल खेलना ! वह दिन भर खेलता, प्रैक्टिस करता और धीरे-धीरे वह एक बहुत अच्छा गोलकीपर बन गया. 20 का होते-होते उसके बचपन का सपना हकीकत बनने के करीब पहुँच गया; उसे रियल मेड्रिड की तरफ से फुटबाल खेलने के लिए साइन कर लिया गया. खेल के धुरंधर जूलियो से बहुत प्रभावित थे और ये मान कर चल रहे थे कि बहुत जल्द वह स्पेन का नंबर 1 गोलकीपर बन जायेगा. 1963 की एक शाम , जूलियो और उसके दोस्त कार से कहीं घूमने निकले. पर दुर्भाग्यवश उस कार का एक भयानक एक्सीडेंट हो गया , और रियल मेड्रिड और स्पेन का नंबर 1 गोलकीपर बनने वाला जूलियो हॉस्पिटल में पड़ा हुआ था , उसके कमर के नीचे का हिस्सा पैरलाइज हो चुका था. डॉक्टर्स इस बात को लेकर भी आस्वस्थ नहीं थे कि जूलियो फिर कभी चल पायेगा, फ़ुटबाल खेलना तो दूर की बात थी. वापस ठीक होना बहुत लम्बा और दर्दनाक अनुभव था. जूलियो बिलकुल निराश हो चुका था , वह बार-बार उस घटना को याद करता और क्रोध और मायूसी से भर जाता. अपना दर्द कम करने के लिए

कैसे अपने आपको सफल बनाये...

स्वागत हैं आप सब चाहने वालो का आपके स्नेह आज फिर एक बार लिखने की हिम्मत दी, असल मे मैं अपने आपको देखता हूँ तो सोचने मे आता है दुनिया का सबसे सफल इंसान कही मैं ही तो नही, जब भी मैं बस मे सफर करता हूँ मेरे आसपास हो रही छोटी छोटी बातों पर ध्यान चला ही जाता हैं, अभी दो दिन पहले जब रेल-वे स्टेशन से भंवरकुआ (इंदौर)तक आना हुआ जैसे की रोज की ही तरह मे एक Commuter हूँ। उस दिन मेरे पास वाली सीट पर एक बुजुर्ग आकर बैठ गये मुँह से शराब की महक साफ बता रही थी वो किसी महफिल से आ रहे थे,जब हल्की महक मुझे परेशान करने लगी तो मैंने उनसे विवश होकर पूछ ही लिया "अंकल कहा से टून हो कर आ रहे" चूँकि नशे मे थे इसलिए मैं भी थोड़ा उनसे मजाक के लहजे मे बात कर बैठा, जवाब मिला "आज मैं एम.पी.ई. बी"से रिटायर्ड हुआ हूँ और मेरे साथियों ने थोडी शराब पीला दी। ये तो बस शुरुआत थी इसके बाद मेरे दिमाग ने सोचना शुरू किया, हम जी भर के पढ़ते हे,मेहनत करते हैं,अच्छी नौकरी,बिजनेस,घर परिवार,दोस्त यार सब बनाते हैं पर कभी खुलकर हमने उस सफलता को जीया हैं। दरअसल मैं यह नही कहना चाहता उसका तरीका सही था पर इतन

माँ-इससे बेहतर जीवन मे कुछ नही।

वक्त बे-वक्त जब भी मन करता है कुछ ना कुछ लिख लेता हूँ। आज सुबह से लेकर शाम तक सबसे ज्यादा माँ याद आयी, जेब मैं फूटी कोढी भी नही शहर भी बडा और अनजाना, पेट की बढती भूख,रास्तो का भटकना,पैदल सफर और मंजिल, का दूर से दूर होते चले जाना, दरअसल मे जितना दुख इन सब मे, नही उससे कही ज्यादा "माँ" को याद करके रोया हूँ आज और बस, जो याद आया वो ये था- "माँ-इससे बेहतर जीवन मे कुछ नही" माँ धरा पर एक सुंदर सी परिचायक है" जैसे संसार के सागर मे अनमोल मोती है।। जिसने साथ पाया उम्र भर माँ का।  दरअसल मे वो किस्मत का धनी है।। आंचल ममता का इत्तेफाक नही कोई। असल मे ये ही प्रभु के साथ होने का अहसास है।। दुधन के वक्त बेटे की लात सह लेती है। पुत्रवधू की डांट सह लेती है। असल मे माँ चुप रहती है,वजह बस इतनी है आज भी हम उस माँ के लिये वही हे जो उसकी कोख मे थे। जब भी नाराज होते है हम,तो आकर मनाया करती है। दरअसल वो अपने गम को हमसे छुपाया करती हैं सारी गुलक तोड दिया करती थी बजत की,हमारी खुशियों के लिये। जब भी बाजार जाया करती थी,खिलौने वो ले आया करती थी। मैं उसको हामिद वाला ए

सीखते रहिये जीवन सरल व अनंत हैं

जीवन मे पश्चाताप की ज़रूरत इतनी ही हैं। जितनी जरूरत नंगे बदन पर कपडो की।। ना ज़रूरत से ज्यादा ना उससे कम।। (सीखते रहिये जीवन सरल व अनंत हैं) 😁

Nelson Mandela Biography in Hindi

Nelson Mandela Biography in Hindi Nelson Mandela नेल्सन मंडेला का जन्म 1918 में दक्षिणी अफीका की   माडीवा जनजाति में हुआ था जो दक्षिणी अफ्रीका के पूर्वी हिस्से में थेम्बू लोगो का एक छोटा सा गाँव था | जन्म के समय नेल्सन मंडेला का नाम “ रोलीलाहला डालीभुंगा ” था जिसे बाद में स्कूल के अध्यापक ने बदलकर “ नेल्सन ” एक अंग्रेजी नाम दिया था | नेल्सन मंडेला के पिता थेम्बू शाही परिवार के सलाहकार थे | Nelson Mandela नेल्सन जब केवल नौ वर्ष के थे तब उनके पिता की मृत्यु हो गयी थी | पिता की मौत के बाद उनको मुखिया जॉनगिनटावा के   संरक्ष्ण में रखा गया | 1943 में वो पहले अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के कार्यकर्ता के रूप में शामिल हुए उसके बाद ANC यूथ लीग के संस्थापक बने थे | 1944 में उन्होंने एवलिस मेस नामक महिला से विवाह कर लिया और तीन संतानों का जन्म हुआ लेकिन 1957 में उनका तलाक हो गया था | इसके बाद Nelson Mandela ने वकालत पास की और अपने साथी ओलीवर टोम्बो क