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"प्रेम निरस हैं"

"प्रेम निरस हैं"
अजीब हे ना आज एक मोटीवेटर प्रेम पर बात कर रहा हैं और करना भी चाहिए असल मे प्रेम और मोटीवेशन को कुछ सटीक उदाहरण से जोडने का प्रयास करूँगा।
असल मे बात तब की है जब मैं अपनी मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहा था तब इतना तार्किक नही था बस यह है एक मन मे रहता था हमेशा जो भी करना है पूरे मन से करना हे,23 नंबर 2013 से जिंदगी घूम गयी बिट्टू आयी और बस उसके साथ जीने मे इतना खो गया की हर बात मे मैनेज करने की आदत हो गयी।
कॉलेज से लेकर कोचिंग तक बस हर वक्त उसकी खुशी के लिये सब बात समझता गया असल मैं उस दौरान अपने आपको किसी के काबिल बना रहा था मुझे कभी परिणाम की चिंता रही ही नही।
और यही बात हर युवा से कहना चाहूँगा कभी भी परिणाम के बारे मे सोच कर काम मत करो बल्कि अपने काम को अपनों खुशी के लिये करो।
जिस दिन आप Perfection,complete,greatful,geniuse,talente,ऐसे शब्दो का असल महत्व समझ गये बस उसी दिन समझ लेना तुम अपनी रिलायंस,टाटा,इंफोसिस,विप्रो के मालिक खुद हो।
और सब तब संभव हो पायेगा जब किसी चीज़ से प्रेम करने लगो,अब जाहे वो प्रेम स्त्री से हो या अपने काम से आपको एक सकारात्मक ऊर्जा उसी प्रेम निरस है भाव से मिलेंगी।
"आपकी सफलता आपके प्रयास की गिनती पर निर्भर करती है"

धन्यवाद
संघर्ष-: विजयराज पाटीदार 

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