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सफलता दरअसल मैं एक पड़ाव भर हे

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सफलता दरअसल मैं एक पड़ाव भर हे जब सफल होते हो तो आपको सम्मान मिलता है,इज्जत मिलती है,पर ये सब कब तक आप निरंतर रख पाते हो असल मे सफलता लगातार सफल होने मे हैं।
ये दुनियाँ असफल लोगों को घृणा की नजर से देखती है ताने मारती है पर ये आपके मजबूत इरादों पर हैं क्या आप इनके द्वारा दिये गये अपमान से भी अपनी नींव भर सकते हो।
बिजनेस फेल हुआ,गालियाँ मिली,अपमान मिला,भूखा रहा पर क्या मैं हार मान लूँ।
फिर उनका क्या जिनको मैंने अपने जीवन मे आइडल बनाया,उनका क्या जिनसे मैंने हमेशा कुछ सीखा।
दरअसल ये जो संघर्ष के दौर,रात के पहर,बस के सफर,अनुभव ये सब मेरे जीवन के हिस्से हैं।
रोज एक अनजाने डर से लड्ता हूँ शाम होते होते जीत भी जाता हूँ ।
पर एक सकारात्मक दृष्टिकोण की वजह से रोज सुबह देखता हूँ और इसी सोच मे रात गुजार देता हूँ शायद अगली सुबह सब ठीक हो।
पर अगली सुबह देखने के लिये मुझे एक उम्मीद के साथ जागना होगा,भागना होगा,सोना होगा।
जिंदा हूँ तो बस कुछ करने की उम्मीद मे।
लाख असफलता देख लूंगा,एक सफलता की उम्मीद में।
(द फेलियर)

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